<![CDATA[ हवाओं का शोर इतना ज्यादा है कि कच्छ के हरिमन भाई की आवाज को सुन पाना बहुत मुश्किल हो रहा था। फोन में नेटवर्क की इतनी समस्या थी कि बात नहीं हो पा रही थी। ]]>